ग़ज़ल
राधा राणा की कलम से ✍️
ज़िंदगी को चाहिए दो पल खुशी के।
हो हमारा कोई हम भी हों किसी के।
कौन करता है मुहब्बत आज सच्ची,
बेवफा दिल हो गए हैं अब...
ज़िंदगी को चाहिए दो पल खुशी के।
हो हमारा कोई हम भी हों किसी के।
कौन करता है मुहब्बत आज सच्ची,
बेवफा दिल हो गए हैं अब...