...

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भावनाओं का खेल है
कविताओं में संग्रहित और भी क्या मेल है
शब्दों का जोल है बस भावनाओं का खेल है

कल्पनाओं को उड़ाते मन गंगा का बहाव है
आख़िर , हर दिल की व्यथाओं का माहौल है

नक़ाब पहने, बुराई कभी अच्छाई ख़ातिर है
दर्दी दिल किसका नही छुपन्छुपाई का...