तेरे मेरे प्यार की गुत्थी..
अब भी गुत्थी सुलझी नही
बात तेरे मेरे मोहब्बत की
रातभर चलती रही
सुबह हुई
मगर मोहब्बत का दिया
अब भी जलता रहा
डर था तुझसे बिछड़ने का
तुझसे फिर ना...
बात तेरे मेरे मोहब्बत की
रातभर चलती रही
सुबह हुई
मगर मोहब्बत का दिया
अब भी जलता रहा
डर था तुझसे बिछड़ने का
तुझसे फिर ना...