मधुर सृजन
मधुर सृजन......,
मधुरता से भरा ये भव्य संसार,
तपती धूप को ’ मानसून ’
उसकी चादर से ओढ़ लेती है,
बारिश की बूंद ,
बूंद का भाव,
मिट्टी की दरार...
मधुरता से भरा ये भव्य संसार,
तपती धूप को ’ मानसून ’
उसकी चादर से ओढ़ लेती है,
बारिश की बूंद ,
बूंद का भाव,
मिट्टी की दरार...