हत्या तेरी हत्या
हत्या तेरी हत्या=
अरे हत्या तू बेशर्म है
राक्षसी और निर्लज्ज है
अरे तू इतनी अंधी है
अरे छी बहुत गंदी है
क्यों नहीं गले लगती उनके
जो मानवता का त्रास करते
लिपट जाती है उनसे
जो होते हैं भोले वाले
जितना भ्रष्टाचार बढ़ा है
तुझे और दम मिला है
आखिर क्यों रुलाती है
आखिर क्यों सताती है
गर होती किसी की हत्या
बात दवाई जाती है
देते आत्महत्या का नाम
घृणित करते हैँ यह काम
तू दफा हो जा जहां से
आई कहां...
अरे हत्या तू बेशर्म है
राक्षसी और निर्लज्ज है
अरे तू इतनी अंधी है
अरे छी बहुत गंदी है
क्यों नहीं गले लगती उनके
जो मानवता का त्रास करते
लिपट जाती है उनसे
जो होते हैं भोले वाले
जितना भ्रष्टाचार बढ़ा है
तुझे और दम मिला है
आखिर क्यों रुलाती है
आखिर क्यों सताती है
गर होती किसी की हत्या
बात दवाई जाती है
देते आत्महत्या का नाम
घृणित करते हैँ यह काम
तू दफा हो जा जहां से
आई कहां...