देखो मेरा यह गया
मैं खड़ा रहा किनारे सा
वो दरिया जैसे बह गया
वो पक्के मकान की तरह बुलंद
मैं मिट्टी जैसे ढह गया
वो तेज तर्रार तलवार सा था
ना जाने क्या क्या...
वो दरिया जैसे बह गया
वो पक्के मकान की तरह बुलंद
मैं मिट्टी जैसे ढह गया
वो तेज तर्रार तलवार सा था
ना जाने क्या क्या...