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प्यासा के छंद
रावण आतंक पर,दया कर संत पर।
विविध विध्वंस पर,पधारे श्री राम थे।
समानता के पाठ पे, उदारता के नाम पे,
मां सबरी के धाम पे ,पधारे श्री राम थे।
न जात वाली बात पे,न नारी के आघात पे
न शंबूक संहार पे,पधारे श्री राम थे।
जीवन मर्यादा पर, नारी के सुरक्षा पर
मानव व्यवस्था पर, पधारे श्री राम थे
--"प्यासा"
© All Rights Reserved
विविध विध्वंस पर,पधारे श्री राम थे।
समानता के पाठ पे, उदारता के नाम पे,
मां सबरी के धाम पे ,पधारे श्री राम थे।
न जात वाली बात पे,न नारी के आघात पे
न शंबूक संहार पे,पधारे श्री राम थे।
जीवन मर्यादा पर, नारी के सुरक्षा पर
मानव व्यवस्था पर, पधारे श्री राम थे
--"प्यासा"
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