तन्हा
तेरी यादों के नशे में खोया इस कदर, ऐसी बेखुदी न मिले मधुशालों में,
इस गुलाबी सी ठंड की शामों में, कट रही है जिंदगी,
तन्हाई और चाय के प्यालों में।
चाय के साथ मैं पढ़ रहा हूं अखबार ,पर आई ना कुछ खबर तेरी,
ना तूने पूछा मुझसे ,जी रहे हो मेरे बिन किन्ह हालों में।
तेरी मेरी इक तस्वीर बुनी मैने अपने ख्यालों में,...
इस गुलाबी सी ठंड की शामों में, कट रही है जिंदगी,
तन्हाई और चाय के प्यालों में।
चाय के साथ मैं पढ़ रहा हूं अखबार ,पर आई ना कुछ खबर तेरी,
ना तूने पूछा मुझसे ,जी रहे हो मेरे बिन किन्ह हालों में।
तेरी मेरी इक तस्वीर बुनी मैने अपने ख्यालों में,...