ग़ज़ल
ग़ज़ल
हवाओं ने थपथपा कर बड़ा काम कर दिया
कश्ती मेरी इस पार थी उस पार कर दिया
मैं खुश था मेरे हालात भी बेहतर थे मगर
चंद रिश्तो ने जिंदगी से बेजार कर दिया
उसने किया था वादा कसमें बहुत थी...
हवाओं ने थपथपा कर बड़ा काम कर दिया
कश्ती मेरी इस पार थी उस पार कर दिया
मैं खुश था मेरे हालात भी बेहतर थे मगर
चंद रिश्तो ने जिंदगी से बेजार कर दिया
उसने किया था वादा कसमें बहुत थी...