प्रकृति का ऐहसास
#writcopoemchallenge
आज सब थमा हुआ सा हैं।
मैं बैठी तो उस नदी के किनारे हूं
लेकिन मानो
वे नदियां शांत होकर भी बहुत कुछ
कहना चाहती हो।
वो तट के किनारे पेड़
हवा के साथ झूम भी नहीं रहे।
ऐसा लग रहा,
वे इस...
आज सब थमा हुआ सा हैं।
मैं बैठी तो उस नदी के किनारे हूं
लेकिन मानो
वे नदियां शांत होकर भी बहुत कुछ
कहना चाहती हो।
वो तट के किनारे पेड़
हवा के साथ झूम भी नहीं रहे।
ऐसा लग रहा,
वे इस...