मैं बेटी घर पराए की
मैं बेटी घर पराए की
अपना घर हूं तलाश रही
कन्या दान किया बाबा ने
वहां भी हुई पराई
नई उम्मीदों संग आई जिस आंगन में
वहां भी कहां अपनी जगह बना पाई
मैं बेटी घर पराए की
अपना घर हूं तलाश रही
दोनो ही घर है मेरे
पर दोनो मे कहलाई मैं पराई...
अपना घर हूं तलाश रही
कन्या दान किया बाबा ने
वहां भी हुई पराई
नई उम्मीदों संग आई जिस आंगन में
वहां भी कहां अपनी जगह बना पाई
मैं बेटी घर पराए की
अपना घर हूं तलाश रही
दोनो ही घर है मेरे
पर दोनो मे कहलाई मैं पराई...