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उतर आई कविताओं में
#WritcoPoetryDay
संजोए मन के यादों की कतारों को
देकर शब्दो की माला
उतर आती है कविताओं में
सरल सहज सरसता से
कर ले अपनी मन की बाते
जो सुनाई दे कविताओं में
जब कभी आखों का काजल बहा
तो कभी होठों से मुसकान खो गई
कोई साथ छोड़ गया
कोई बन गया मन मीत
और वो बिखर गई कविताओं में
अकेलेपन में जो साथ निभाए
न वादा है न कोई आरजू है
फिर भी इस सफर का हमसफर है
इन कविताओं में
© verma anita
संजोए मन के यादों की कतारों को
देकर शब्दो की माला
उतर आती है कविताओं में
सरल सहज सरसता से
कर ले अपनी मन की बाते
जो सुनाई दे कविताओं में
जब कभी आखों का काजल बहा
तो कभी होठों से मुसकान खो गई
कोई साथ छोड़ गया
कोई बन गया मन मीत
और वो बिखर गई कविताओं में
अकेलेपन में जो साथ निभाए
न वादा है न कोई आरजू है
फिर भी इस सफर का हमसफर है
इन कविताओं में
© verma anita
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