तडपता ही रहा - गजल
ये मोहब्बत का नशा एक बार चढा तो चढता ही रहा
मै जिन्दा तो सिर्फ कहने को हर रोज मरता ही रहा
इश्क जो किया मैने बेइन्तहा आपसे हर दफा
आपकी मोहब्बत के...
मै जिन्दा तो सिर्फ कहने को हर रोज मरता ही रहा
इश्क जो किया मैने बेइन्तहा आपसे हर दफा
आपकी मोहब्बत के...