“शायरों वाले अंदाज चले गए”
राघव, हमें इंतजार था जिसका,
अब वो इंतजार चले गए...
शायरी हमें अब आती नहीं,
शायरों वाले अंदाज चले गए...
तसव्वुर से जिसकी सुबह थी मेरी,
अब वो ख्याल चले गए...
वफा को रास ना आई लफ्ज़...
अब वो इंतजार चले गए...
शायरी हमें अब आती नहीं,
शायरों वाले अंदाज चले गए...
तसव्वुर से जिसकी सुबह थी मेरी,
अब वो ख्याल चले गए...
वफा को रास ना आई लफ्ज़...