...

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Love आजकल
लव , प्यार, मोहब्बत और ईश्क,
अर्थ एक पर नाम अनेक।
इससे रुबरु हर कोई है,
इसके दिल मे भी हर कोई है।
ना जाने कब कोई कहदे , ईश्क है तुमसे,
निकलकर इंटरनेट की दुनिया से।
जमाने ने तोह हद ही कर दी ,
हमने पहली नजर का प्यार सुना तो था पर आज देख भी लिया।
चलो माना है तुम्हे ईश्क , क्या निभा पाओगे इसे। स्वाभिमानी हू मैं, बराबरी का हक दे पाओगे । कुछ वादे है कसमे है, सच्चा वादा कर पाओगे। दे पाओगे अपनी अर्धांगिनी बनने का सम्मान। दिखा पाओगे अपनी वफा। करा पाओगे अपने ईश्क की अहसास।
हो सके जिस दिन ये सब तुमसे, आना प्रिये मेरे पास।

अधूरी रह जाती है वो कहानिया जिनकी जड़े कमजोर होती है। पहली नजर का प्यार जिसने किया वो भी आजकल अकेले है।
कुछ तो यैसे भी है इस दुनिया मे जो झूठ बोलने की सीमा की कदर किये बिना उसे लाँघ चुके है। कहते कुछ, और करते है कुछ।

अजी रुकिये जरा आधुनिक ईश्क की दासता तोह सुनिये,
पहले तो बडे ईश्क किया करते थे , अब तोह छोटे बच्चो के भी दिल टूट रहे है।
ईश्क और प्यार की जगह रिलेशनशिप ने ले ली।
आजकल लोग इतना प्यार करने लगे है की सात जन्मो का प्यार, 4 से 5 महीनों मे ही खतम हो जाता है।
माना है ये नया जमाना, है नये लोग।
पर चलते तोह अभी भी दो पैर पर है, आँखें भी दो ही होती है ,सुनते तोह अभी भी कान से है, और शिक्षा घर आज भी है बस नाम स्कूल हो गया है।
माना की इंसान आधुनिकता की ओर बड़ रहा है पर इसका मतलब ये नही की वो अपनी संस्कृतियों को ही भूल जाए।