व्यक्ति की अभिलाषा
जरा सोच मेरे बंदे हमारा परिधान कैसा हो
द्वेष भरे इस संसार में व्यक्ति का आत्मसम्मान कैसा हो
अबगुण युक्त लोगों में अच्छे काम का गुणगान कैसा हो
हर एक की खुशियों के पीछे
मानवता स्वाभिमान कैसा हो
जरा सोच मेरे बंदे हमारा...
द्वेष भरे इस संसार में व्यक्ति का आत्मसम्मान कैसा हो
अबगुण युक्त लोगों में अच्छे काम का गुणगान कैसा हो
हर एक की खुशियों के पीछे
मानवता स्वाभिमान कैसा हो
जरा सोच मेरे बंदे हमारा...