...

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रोज सुबह
रोज सुबह दिन नया निकल आता हैँ रोज़ की
साँझ भी ढल जाती हैँ
जीवन का सफर चलता रहता हैँ कुछ भी कभी
ठहरता नहीं हैँ

जो भी हो रहा हैँ इस धरा पर वो तो पहले से तय था
किसमत तो किसी भी बहाने बदलती नहीं हैँ