राख क्या श्रृंगार क्या
जब नाव जल में छोड़ दी
तूफ़ान में ही मोड़ दी दे
दी चुनौती सिंधु को
फिर पार क्या मझधार क्या
कह मृत्यु को वरदान ही
मरना लिया जब ठान...
तूफ़ान में ही मोड़ दी दे
दी चुनौती सिंधु को
फिर पार क्या मझधार क्या
कह मृत्यु को वरदान ही
मरना लिया जब ठान...