...

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चंद अशार
कहने को ये सारी दुनिया यारी का दम भरती है
तुम जब अकेले होते होंगे, अकेले ही मर जाते होंगे

मुकाम बनाने की खातिर हम, सभी से तो लड़ लिए
अब जो सँवरते होंगे सुबह, खुद पे रो जाते होंगे


© AbhinavUpadhyayPoet