"मेरी सुबह का आगाज़"
कुछ खामोश अल्फ़ाज़ है,
कुछ अनकही बात है,
कुछ पुरानी यादें हैं,
कुछ भूली बिसरी बात है,
जो भी है, बहुत खास है,
दस्तक दी है उसने,
जब से मेरे दरवाजे पे,
तब से...
कुछ अनकही बात है,
कुछ पुरानी यादें हैं,
कुछ भूली बिसरी बात है,
जो भी है, बहुत खास है,
दस्तक दी है उसने,
जब से मेरे दरवाजे पे,
तब से...