कहता है? सब ठीक है!
कहता है? सब ठीक है!
नाजाने फिरभी कैसी ये उलझन छाई है
ना पता मंज़िल का, फिरभी रास्तों से टकराई है।
ढूंढे है रोज़ तुझे पर फिरभी नाजने कीस और ये ले आई है।
कहता है? सब ठीक है!
नजाने फिरभी कैसी ये उलझन छाई है।
नज़ाने दिल के इस दरावाजो पे ताले कि परत कैसी चड़ाई है।
विश्वास की गहराइयों में शक की सुई कैसे आईं है।
कहता है? सब ठीक है!
नजाने फिरभी कैसी ये उलझन छाई है।
-Anjali Joshi
-quotes_lover1023
© quotes_lover1023
नाजाने फिरभी कैसी ये उलझन छाई है
ना पता मंज़िल का, फिरभी रास्तों से टकराई है।
ढूंढे है रोज़ तुझे पर फिरभी नाजने कीस और ये ले आई है।
कहता है? सब ठीक है!
नजाने फिरभी कैसी ये उलझन छाई है।
नज़ाने दिल के इस दरावाजो पे ताले कि परत कैसी चड़ाई है।
विश्वास की गहराइयों में शक की सुई कैसे आईं है।
कहता है? सब ठीक है!
नजाने फिरभी कैसी ये उलझन छाई है।
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