जब बरस जाता हूँ
जब बरस जाता हूँ खुद पर
जरूरत से ज़्यादा
तब बेरहम वक़्त को भी
तरस आता है
कि क्यूँ इतना
खफ़ा हूँ खुद से
क्यूंकि ये
पहली दफ़ा नहीं
Kabir 47
जब बदले में
वफ़ा...
जरूरत से ज़्यादा
तब बेरहम वक़्त को भी
तरस आता है
कि क्यूँ इतना
खफ़ा हूँ खुद से
क्यूंकि ये
पहली दफ़ा नहीं
Kabir 47
जब बदले में
वफ़ा...