तेरी जुल्फ़े
हर रात एक ख़्वाब-सा
मद्धम पुरवाई में
लहराती तेरे ज़ुल्फ़
आंखों की चंचलता
होंठों की अटखेलियां
यौवन की मादकता।
तेरे जुल्फों की खुश्बू
तेरे गालों की लाली
जी चाहता है
नींद से ना जागूं
तुम्हें निहारता रहूं।
© Saddam_Husen
मद्धम पुरवाई में
लहराती तेरे ज़ुल्फ़
आंखों की चंचलता
होंठों की अटखेलियां
यौवन की मादकता।
तेरे जुल्फों की खुश्बू
तेरे गालों की लाली
जी चाहता है
नींद से ना जागूं
तुम्हें निहारता रहूं।
© Saddam_Husen