...

46 views

लेंगे हम
दिल को जो भाए वो हुनर लेंगे हम
मर्जी हो हमारी वही गुज़र लेंगे हम

इतना हंगामा न बरपा ऐ दुनिया
चुप चाप यहीं कहीं मर लेंगे हम

खाली हाथ जाने में तो शर्म आएगी
नाकामियों से ही झोली भर लेंगे हम

कुछ बड़ा करने की चाह बहुत है
पर चाह कर भी क्या कर लेंगे हम

जब जीने का मन बना ही लिया है
तो किसी हाल में बसर कर लेंगे हम

इस सर्द को चिताओं की गर्मी मारेगी
श्मशान के पास ही में घर लेंगे हम

हमारा हिसाब क्या लेंगे ऊपरवाले
वो मिले तो उनकी खबर लेंगे हम
© प्रियांशु सिंह