![...](https://api.writco.in/assets/images/category/big/poetry.webp)
21 views
मंजूषा
काव्य मंजूषा में भरता रहे
यूं ही रत्नों का भंडार...
अनोखे कवि महारथी कई
हैं ,
जिनकी रचनाएँ दमदार..
कविता ग़ज़ल काव्य लेखनी
अलंकारों से सुशोभित हैं
जिनको पढ़कर पाठकगण
अचंभित, मनमोहित हैं...
रात दिन होती रहे
हास्य व्यंग्य की बरसात..
सूखी धरती,बादल बरसे
धरती सोंखे जल को ज्यूँ
हर दिन नई सीख को हम
कर लें यूँ आत्मसात....
© anamika
यूं ही रत्नों का भंडार...
अनोखे कवि महारथी कई
हैं ,
जिनकी रचनाएँ दमदार..
कविता ग़ज़ल काव्य लेखनी
अलंकारों से सुशोभित हैं
जिनको पढ़कर पाठकगण
अचंभित, मनमोहित हैं...
रात दिन होती रहे
हास्य व्यंग्य की बरसात..
सूखी धरती,बादल बरसे
धरती सोंखे जल को ज्यूँ
हर दिन नई सीख को हम
कर लें यूँ आत्मसात....
© anamika
Related Stories
34 Likes
14
Comments
34 Likes
14
Comments