सतयुग में जीतें है,
फिर से चलों सतयुग में चलते हैं।
अपने विचारो से कलयुग को छोड़कर
फिर से सतयुग की मीठी बोलीं बोलते हैं ,
एक बार फिर से चलों सतयुग को जीतें है।
अपनें अच्छे कर्मों से अपने अच्छे व्यवहार
से फिर से लोगों का दिल जीतते हैं, क्यों
ना फिर से एक बार फिर हम सतयुग में चलते हैं। थाम कर अपने बंधुओं और...
अपने विचारो से कलयुग को छोड़कर
फिर से सतयुग की मीठी बोलीं बोलते हैं ,
एक बार फिर से चलों सतयुग को जीतें है।
अपनें अच्छे कर्मों से अपने अच्छे व्यवहार
से फिर से लोगों का दिल जीतते हैं, क्यों
ना फिर से एक बार फिर हम सतयुग में चलते हैं। थाम कर अपने बंधुओं और...