...

5 views

स्वीकृति
#स्वीकार
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहा जुड़ते है रिश्ते
दिल को तार - तार किया होगा
अब तो रिश्तों में कहाँ प्रणय की लाली है
बिक जाता है इन्सां झुक जाती है डाली है।
हाँ मुझे स्वीकार है तुममें मिल जाना
प्रेम में तन्मयता से जीवन का जी जाना।
बिना कहे तो ह्रदय की बात सुनी जब कान्हा ने
मीरा हो गयी प्रेम दीवानी
पी गयी जहर भी अमृत जान
वंशी की मधुर राग में
खो गयी गोरी राधा भी।
यही तो स्वीकृत है जो
प्रेम अमर हो जाता है
राधा की मोहक छवि पर
कान्हा ही खो जाता है।
ह्रदय की पीड़ा वो क्या जाने
प्रेम डगर जो चला नही
कभी पूछ लो प्रभु राम से
सीता बिन जो चले नही
उर्मिला जो खड़ी महल में
लक्ष्मण की शक्ति बनी रही
सच तो ये प्रेम सदा स्वीकृत
मन की होती है ।

© All Rights Reserved