कहा ना खूबसूरत है
कहा ना खूबसूरत है और इतनी खूबसूरत है
के उसके मखमली हुस्न से निगाहें भी फिसलती है
कसम है साहीलों को चूमती पागल हवाओं की
वो जब पलके उठाती है तो यू महसूस होता है
समंदर रक्स करता है और उसकी रक्स की लहर पर
परिंदे गीत गाते है वो जब पलके झुकाती है
तो सूरज वक्त से पहले उफूक में डूब जाता है
कसम उन ताक रातों में उन पांच...
के उसके मखमली हुस्न से निगाहें भी फिसलती है
कसम है साहीलों को चूमती पागल हवाओं की
वो जब पलके उठाती है तो यू महसूस होता है
समंदर रक्स करता है और उसकी रक्स की लहर पर
परिंदे गीत गाते है वो जब पलके झुकाती है
तो सूरज वक्त से पहले उफूक में डूब जाता है
कसम उन ताक रातों में उन पांच...