हमसे
कोशिश तो बहुत करी हर दांव चलाया पर
तक़दीर मोहब्बत की कभी बदली ना गई हमसे,
दिलो-जान तक घायल किया हर वार से उसने
शमशीर निगाहों की कभी पकड़ी ना गई...
तक़दीर मोहब्बत की कभी बदली ना गई हमसे,
दिलो-जान तक घायल किया हर वार से उसने
शमशीर निगाहों की कभी पकड़ी ना गई...