हमसे
कोशिश तो बहुत करी हर दांव चलाया पर
तक़दीर मोहब्बत की कभी बदली ना गई हमसे,
दिलो-जान तक घायल किया हर वार से उसने
शमशीर निगाहों की कभी पकड़ी ना गई हमसे,
सब जानकर भी बस चुप ही रह गए
ज़ंजीर नाम के रिश्तों की तोड़ी ना गई हमसे,
कभी सीरत ना मिल पाई कभी ख़ुद में कमी रही
लकीर वफाओं की जोड़ी ना गई हमसे,
हर तमन्ना मिट गई 'ताज' पर ज़िन्दा जनून रहा
आख़िर मंज़िल की छोड़ी ना गई हमसे।
© taj
तक़दीर मोहब्बत की कभी बदली ना गई हमसे,
दिलो-जान तक घायल किया हर वार से उसने
शमशीर निगाहों की कभी पकड़ी ना गई हमसे,
सब जानकर भी बस चुप ही रह गए
ज़ंजीर नाम के रिश्तों की तोड़ी ना गई हमसे,
कभी सीरत ना मिल पाई कभी ख़ुद में कमी रही
लकीर वफाओं की जोड़ी ना गई हमसे,
हर तमन्ना मिट गई 'ताज' पर ज़िन्दा जनून रहा
आख़िर मंज़िल की छोड़ी ना गई हमसे।
© taj