...

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जिस्मों के साथ जितने साए हैं
जिस्म के साथ जितने साए हैं,
उतने ही अंधेरे चारों ओर हैं।
कुछ तो दुख के, कुछ तो दर्द के,
कुछ तो तन्हाई के एहसास हैं।

हर चोट की निशानी उसमें है,
हर तकलीफ की एक कहानी है।
वह चुपचाप बिठाये बैठा है,...