क्या लिखूँ मैं.....
क्या लिखूँ मैं
तेरी इस मुस्कुराहट पर जिसको
देख कर मैं खो सा जाता हूँ.....
क्या कहूँ मैं तेरी
इन मासूम अदाओं पर जो मदहोश
होकर बस तेरा हो सा जाता हूँ......!!
सोचता हूँ सुलझाऊँ
तेरी उलझी लटों को जिसमें मेरा दिल
बस उलझा रहता है...
थाम लूँ तेरे उड़ते आँचल को
जो भरी...
तेरी इस मुस्कुराहट पर जिसको
देख कर मैं खो सा जाता हूँ.....
क्या कहूँ मैं तेरी
इन मासूम अदाओं पर जो मदहोश
होकर बस तेरा हो सा जाता हूँ......!!
सोचता हूँ सुलझाऊँ
तेरी उलझी लटों को जिसमें मेरा दिल
बस उलझा रहता है...
थाम लूँ तेरे उड़ते आँचल को
जो भरी...