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राहत के कुछ पल।।
#believeingod #faith
राहत के कुछ पल
मैं तेरे चरणों में पाता हूँ
आके तेरे द्वार पे
सारे गम भूल जाता हूँ
रहती ना कोई ख्वाहिश मेरी
ना मन में कोई इच्छा
आंसू की बस बहती धारा
निर्मल है ये मन मेरा
शब्दों का ना कोई जाल है
ना बोली की पहचान
बिन कहे मेरे मन को जाना
ऐसा है मेरा भगवान
करुणा पल पल गहरी होती
मन में कोई दुविधा ना रहती
उसने पथ दिखाया है
पथ पे पल पल बढ़ता जाता
हर जगह बस प्रभु को पाता
दीनबंधु वो करुणा निधन हैं
राहत के कुछ पल
मैं तेरे चरणों में पाता हूँ
आके तेरे द्वार पे प्रभु
मैं खुद को पा जाता हूँ।।
© Naitri_4556
राहत के कुछ पल
मैं तेरे चरणों में पाता हूँ
आके तेरे द्वार पे
सारे गम भूल जाता हूँ
रहती ना कोई ख्वाहिश मेरी
ना मन में कोई इच्छा
आंसू की बस बहती धारा
निर्मल है ये मन मेरा
शब्दों का ना कोई जाल है
ना बोली की पहचान
बिन कहे मेरे मन को जाना
ऐसा है मेरा भगवान
करुणा पल पल गहरी होती
मन में कोई दुविधा ना रहती
उसने पथ दिखाया है
पथ पे पल पल बढ़ता जाता
हर जगह बस प्रभु को पाता
दीनबंधु वो करुणा निधन हैं
राहत के कुछ पल
मैं तेरे चरणों में पाता हूँ
आके तेरे द्वार पे प्रभु
मैं खुद को पा जाता हूँ।।
© Naitri_4556
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