New Normal
अभी अभी तो थे हम अपने गाँव चले ।
वक़्त जल्दी गुज़र जाता है,
बैठे अपनों के छाँव तले ।।
किनारा आ जाता है जल्दी
क़रीब कितना,
कितने धीमे धीमे ही क्यों न
नाव चले ।
अभी अभी तो थे हम अपने गाँव चले ।।
वो वादियों की हरियाली ।
और झूमती डाली डाली ।।
मिले थे जब चार...
वक़्त जल्दी गुज़र जाता है,
बैठे अपनों के छाँव तले ।।
किनारा आ जाता है जल्दी
क़रीब कितना,
कितने धीमे धीमे ही क्यों न
नाव चले ।
अभी अभी तो थे हम अपने गाँव चले ।।
वो वादियों की हरियाली ।
और झूमती डाली डाली ।।
मिले थे जब चार...