...

23 views

डर
हर तरफ मातम का आसार था
हिम्मत तो बस न का मोहताज था
डर से केवल रातों की नींद का इंतजार था
सहमी हुई रात और कमजोर आवाज था
मैंने लगाई आवाज फिर मां परिवार का साथ था
उठा उस दिन सुबह और हौसला केवल साथ था
हिम्मत के नाम पे केवल कुछ लोगो का विश्वास था
हारने से लेके लड़ने तक बस एक आत्मनिर्भर था
पर लड़ते रहे और जीतना इंसानियत के साथ था


© rsoy