डर
हर तरफ मातम का आसार था
हिम्मत तो बस न का मोहताज था
डर से केवल रातों की नींद का इंतजार था
सहमी हुई रात और कमजोर आवाज था
मैंने लगाई...
हिम्मत तो बस न का मोहताज था
डर से केवल रातों की नींद का इंतजार था
सहमी हुई रात और कमजोर आवाज था
मैंने लगाई...