गज़ल
पहले जो था खुमार ओ खुमार आती नहीं है।
बूढ़े दरख्त पर फिर से बहार आती नहीं है।
पहले बुलबुले चहचाहती थी जिस साख...
बूढ़े दरख्त पर फिर से बहार आती नहीं है।
पहले बुलबुले चहचाहती थी जिस साख...