लापता
चुभ रहा हर एक ज़र्रा
चैन भी है लापता
गुफ्तगू करता भी किससे
मन मे तो बस है गिला
बस नुमाइश भाव की
भंगिमा अधूरी रह गयी
कोसा था...
चैन भी है लापता
गुफ्तगू करता भी किससे
मन मे तो बस है गिला
बस नुमाइश भाव की
भंगिमा अधूरी रह गयी
कोसा था...