मसीहा
मसला यह नहीं था कि
उन्हें फिक्र थी
दरअसल उन्हें
औपचारिकता निभानी थी।
रोटियां बाँटी गई
बच्चों गरीब में
इसलिए कि
मुखौटा मसीहा सा लगे।
अक्सर लगता
इधर उधर
आदमी में
आदमी कहाँ?
© ©संभव टाईटस
उन्हें फिक्र थी
दरअसल उन्हें
औपचारिकता निभानी थी।
रोटियां बाँटी गई
बच्चों गरीब में
इसलिए कि
मुखौटा मसीहा सा लगे।
अक्सर लगता
इधर उधर
आदमी में
आदमी कहाँ?
© ©संभव टाईटस
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