अगर मैं होती.....❤️
अगर मैं होती मुरली तो
कान्हा के होठों से लग जाती
फिर प्रेम राग अपने कान्हा को
मैं सुनाती
अगर होती है पुष्प कोई
कान्हा के चरणों में चढ़ जाती
मैं काम आती श्रृंगार का मोहन के
और मैं भाग्यशाली कहलाती
अगर मैं होती गोपी तो
कान्हा संग रास रचा पाती
कृष्ण प्रेम में रंग करके
मोह का रंग मिटा पाती
अगर मैं होती राधा तो
कृष्ण प्रेम का आनंद उठाती
मीठे धुन कान्हा बजाते
मैं नृत्य...
कान्हा के होठों से लग जाती
फिर प्रेम राग अपने कान्हा को
मैं सुनाती
अगर होती है पुष्प कोई
कान्हा के चरणों में चढ़ जाती
मैं काम आती श्रृंगार का मोहन के
और मैं भाग्यशाली कहलाती
अगर मैं होती गोपी तो
कान्हा संग रास रचा पाती
कृष्ण प्रेम में रंग करके
मोह का रंग मिटा पाती
अगर मैं होती राधा तो
कृष्ण प्रेम का आनंद उठाती
मीठे धुन कान्हा बजाते
मैं नृत्य...