...

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तवायफ की जिंदगी ...!?💕
कभी कहीं
किसी को तवायफ के लिए
मुराद मांगते हुए देखा है ??
जिसे खुदा के दर में
नापाक कहकर इजाज़त नहीं
जिन्हें इन गलियों में
कोई इज्जत नहीं


वो गलियां जहां
उसकी आंखे सजाने वाले खूब
पर आंखों में बसाना वाला कोई नहीं
वो गलियां जहां
उसके तन कि बलाएं लेने वाले तो
खूब मिल ही जाएगा
पर उसके मन कि बलाएं लेने वाला कोई नहीं
वो गलियां जहां गुलशन तो हो
पर कांटे समझने वाला कोई नहीं

प्रेम वाली कहानी तो उसकी उसी दिन
खत्म हो जाती होगी
जिस दिन वो एक
तवायफ के किरदार में ढलती होगी
वफ़ा कि उम्मीद भी कौन रखता होगा उससे
वादे की आस भी कौन रखता होगा उससे
तारों का हिसाब जो है
उन पूनम वाली रातों में
प्रेम के कितने करीब होकर भी
स्वीकार करने वाला कोई नहीं
आंसु देने वाले तो खूब मिल ही जाएंगे
पर उन आंसुओं को पोंछने वाला कोई नहीं
आंचल थामने वाले तो खूब मिल ही जाएंगे
पर उस आंचल को पहचान देने वाला कोई नहीं
हाथ थामने वाले तो खूब मिल ही जाएंगे
पर उस हाथ से ताउम्र साथ देने वाला कोई नहीं
सफ़र में मुसाफिर तो खूब मिल ही जाएंगे
पर उस सफ़र में हमसफ़र कोई नहीं

कभी कहीं किसी को तवायफ के लिए मुराद मांगते देखा है !??



© HeerWrites