मौत एक सच था
मौत एक सच था
मैंने जो ज़िन्दगी जी, वो सब झूठ था। जब मेरे सुख दुख का हिसाब हुआ तो वो दोनों बराबर निकले। मैं जो ज़िन्दगी अपने हिसाब से जी रहा था, वो सब झूठ निकल। कुछ था ही नहीं मेरा, मौत ही सिर्फ एक सच था मेरा।
मैंने पहले सोचता था मैंने बहुत कुछ जीत लिया...
मैंने जो ज़िन्दगी जी, वो सब झूठ था। जब मेरे सुख दुख का हिसाब हुआ तो वो दोनों बराबर निकले। मैं जो ज़िन्दगी अपने हिसाब से जी रहा था, वो सब झूठ निकल। कुछ था ही नहीं मेरा, मौत ही सिर्फ एक सच था मेरा।
मैंने पहले सोचता था मैंने बहुत कुछ जीत लिया...