मेरी आँखों का सच तो पढ़
चाहत है मुझे बस तेरी,
फिर से तेरा तलबगार हूँ,
कह दे दिल से आज फिर,
कि मैं आज भी तेरा प्यार हूँ।
भ्रम है ये तेरा कोई और मेरा है,
इस दिल में बस तेरा बसेरा है,
दूर हो जाती है तू पल भर में लेकिन,
मैं कहाँ जाऊं, यही तो मेरा डेरा है।
जिंदगी के इस मोड़ पर अब मैं,
क्या किसी गैर को...