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मेरे पापा
रोते रोते जिन्दगी की महफ़िल में आये मगर
हँसते हँसते जीना का अंदाज सिखाया मुझे
जिंदगी के साथ चार कदम रखना है अगर
मुस्कुरा के दिल जितने की अदा दिखाया मुझे
आज भी उंगलियों में महक है मेरे पापा की
जिसके सहारे में आगे चलता रहा जिन्दगी में
जब भी किसी मोड़ पे थम जाती है घड़ी
आँखें बंद कर के, पापा को देख लेता हूँ मैं
© Krishnan
#Kavita #papa #poem #poetrycommunity
हँसते हँसते जीना का अंदाज सिखाया मुझे
जिंदगी के साथ चार कदम रखना है अगर
मुस्कुरा के दिल जितने की अदा दिखाया मुझे
आज भी उंगलियों में महक है मेरे पापा की
जिसके सहारे में आगे चलता रहा जिन्दगी में
जब भी किसी मोड़ पे थम जाती है घड़ी
आँखें बंद कर के, पापा को देख लेता हूँ मैं
© Krishnan
#Kavita #papa #poem #poetrycommunity
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