तुम
ज़हर या नशा हो तुम
दर्द की दवा हो तुम
मौत जैसी दुनिया में
जीने की अदा हो तुम
ज़िंदगी के सहरा में
शबनमी हवा हो तुम
आंधियों की रातों में
आख़िरी दिया हो तुम
मैं मुसाफिर आवारा
मेरा रास्ता हो तुम
दर्द की दवा हो तुम
मौत जैसी दुनिया में
जीने की अदा हो तुम
ज़िंदगी के सहरा में
शबनमी हवा हो तुम
आंधियों की रातों में
आख़िरी दिया हो तुम
मैं मुसाफिर आवारा
मेरा रास्ता हो तुम
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