हे कृष्ण, संग चलना ऐसे कि मैं हिम्मत के साथ आगे का कदम बढाऊं।
हे कृष्ण,
मै समझने में असमर्थ हूं ,
कि मेरे जीवन का यह कौन सा मोड़ आ गया है ।
इतना अधूरापन और इतना खालीपन का यह कौन सा दौर आ गया है ।
अब और सहने की क्षमता मुझमें नहीं,
कष्टों भरा रास्ता यह सामने आ गया है।
हे कृष्ण,
कुछ देख नहीं पा रहीं हूं मै कौन सी दिशा जाऊं,
माना हम मनुष्य अपने कर्मों का फल पाते है,
पर हर बार इतनी...
मै समझने में असमर्थ हूं ,
कि मेरे जीवन का यह कौन सा मोड़ आ गया है ।
इतना अधूरापन और इतना खालीपन का यह कौन सा दौर आ गया है ।
अब और सहने की क्षमता मुझमें नहीं,
कष्टों भरा रास्ता यह सामने आ गया है।
हे कृष्ण,
कुछ देख नहीं पा रहीं हूं मै कौन सी दिशा जाऊं,
माना हम मनुष्य अपने कर्मों का फल पाते है,
पर हर बार इतनी...