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भारत देव भूमि


ध्वज हमारा तिरंगा, हमारी पहचान,
हर रंग में बसा है, बलिदान का स्वाभिमान।
श्वेत शांति की चाह, हरा समृद्धि की रीत,
केसरिया में वीरता, जो भरती है जग में प्रीत।

हम भारत के वंशज, धर्म-ध्वज के धारक,
अर्जुन के बाण जैसे, हम भी हैं निडर नायक।
सत्य की राह पर, चलता हमारा ये देश,
धर्म की डगर पर, हम सदा रहे विशेष।

वीरता रग-रग में, बसा है भारत का रक्त,
हम सैनिक देवभूमि के, देव कृपा से सशक्त,
हमारी तलवार की धार ,आकाश में चमकती दामिनी,
राष्ट्र की रक्षा करती है,हिमालय की योगिनी ।

वीर शिवाजी के वंशज, हम हैं रणधीर,
अश्वमेध की वेदी पर, राष्ट्रवाद का क्षीर।
हम वह सूर्य हैं, जो अंधकार को मिटाएं,
हृदय में प्रताप के बलिदानों की ज्योति जलाएं।

हमारी संस्कृति में बसी है, राष्ट्रभक्ति की धारा,
हर श्वास में हमारी जय भारत का नारा।
भारत भूमि विश्व में है सबसे महान,
न्यौछावर हैं इस पर , हमारे प्राण।

वीर भारत के हम सपूत, तुझसे जीवन हमारा,
तुझमें ही समर्पण, तुझमें ही उद्धार हमारा।
नमन करते हैं हम तेरे चरणों में, हे मातृ भूमि,
जय भारत राष्ट्र, आर्यों की देव भूमि।

#writicopoem #independenceday @kajal @isha




© Priyansh Honey Varshney