साजिश
उमङते सैलावों के आँचल में
किश्ती का पार होना
यूँ तटो को छुना,
फिर यूँ लहरों के आगोश में समा जाना-आना
मर्म समझ में नहीं आता ,बिना धोखा खाए ।
एक बार....... एक...
किश्ती का पार होना
यूँ तटो को छुना,
फिर यूँ लहरों के आगोश में समा जाना-आना
मर्म समझ में नहीं आता ,बिना धोखा खाए ।
एक बार....... एक...