...

12 views

खिड़की का चांद
मेरे कमरे की खिड़की से चांद का दिखना अक्सर मुझे तेरे याद दिला जाता है।।।
इस चांद को चुपके से बादलों के पीछे छुपता देख अक्सर तेरा दुप्पटे में छुपना याद आता है।।
मै कहता था ना इसकी चांदनी तेरे नूर के आगे फीकी है ।।
आज यही चांदनी तेरे नूर की कमी पूरी कर जाती हैं।।
इस चांद में दाग मुझे तेरे गाल पर उस तिल की याद दिलाता है।। हमेशा पत्तों के पीछे छुप कर मुझे बहुत तड़पाता है।।।
ये चांद भी तुम्हारी तरह है बस कुछ पल साथ रह कर सुबह मुझसे दूर चला जाता है।।
हा यार अक्सर ये मेरे कमरे की खिड़की का चांद तेरे याद दिलाता है।।।।