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क्यों गए!
कहा था न,जाना नहीं,क्यों गए!
यादों में छोड़कर हाथ,क्यों गए!
हाथों की वो नर्मी,सांसों की गर्मी,
बहती रातों में ऐसे छोड़ सिलवटे,
रह गई ये सारी कमी, क्यों गए!
तुजसे ज्यादा चाहा था मैंने तुझे,
हर एक पल में पाया था मैंने तुझे,
दर्द दिल में जगाकर, क्यों गए!
सवाल मेरा जवाब तुझ से चाहे,
क्यों आख़िर बताओ,क्यों गए!!
© Bansari Rathod ' ईश '
यादों में छोड़कर हाथ,क्यों गए!
हाथों की वो नर्मी,सांसों की गर्मी,
बहती रातों में ऐसे छोड़ सिलवटे,
रह गई ये सारी कमी, क्यों गए!
तुजसे ज्यादा चाहा था मैंने तुझे,
हर एक पल में पाया था मैंने तुझे,
दर्द दिल में जगाकर, क्यों गए!
सवाल मेरा जवाब तुझ से चाहे,
क्यों आख़िर बताओ,क्यों गए!!
© Bansari Rathod ' ईश '
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