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सीता स्वयंवर 🏹
#WritcoPoetryDay
मिथिला में एक शोर भयो जी
सीता स्वयंवर की गाथा सुनो जी
सीता से विवाह करण ते
जनक ने एक शर्त राखी जी

जो तोड़े शिव धनुष को
ताकि भई जा सुन्दर नारी
एक सु एक यहाँ राजा पधारे
ताकत को जो खेल भयो जी

सुंदर सुशीला सुकन्या कुमारी
जनक की वो राज दुलारी
जिब ना टूटो धनुष कोन्हु से
आँखों से पानी बह ही गयो जी

ऐसा सभा में कोई नहीं जो
तोड़े धनुष मेरी बेटी ब्याहे
सुनते ही रामानुज क्रोधित भारी
अपने मुख से वचन उचारे

श्री राम अयोध्या के राज कुमार
वे विपदा हारि वे तारण हार
सभा में नहीं, पूरे जगत में
श्री राम के जैसा है ना कोई दूजा

गुरु विश्वामित्र की आज्ञा पाकर
प्रत्यंचा चढ़lई धनुष को तोड़ा
सीता मैया ने माला पेहनाई
राम के साथ ही नाता जोड़ा

© @khyati07