...

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yun hua kabhi....
यूँ तो हुआ नहीं कोई खास तजुर्बा लेकिन,
तुमसे मिलके थोड़ा सा खुश रहने लगे हे,

खिलते नहीं हे हम पुरे फूल की तरह लेकिन,
थोड़ा सा कमरे में अपने महक ने लगे हैं,

मानते तो नहीं हे हाथ की लकीरों मैं,
कुछ लेकिन खुदको खुशनसीब समझने तो लगे हैं,

डूबे रहते थे सोच में मुँह फुलाए,
अब बेवक़्त हर जगह मुरकुराने लगे हैं,

बनने लगे हैं एक दुनिया ख्यालों की "जावेद"
तुझको हक़ीक़त में जबसे मिलने लगे हैं..
#WritcoPoemPrompt29
Remarkable was the day of your birth,
Remarkable was your childhood,
And the years that followed too soon,
Remember your journey one last time,
Before you close your eyes...
© y2j