yun hua kabhi....
यूँ तो हुआ नहीं कोई खास तजुर्बा लेकिन,
तुमसे मिलके थोड़ा सा खुश रहने लगे हे,
खिलते नहीं हे हम पुरे फूल की तरह लेकिन,
थोड़ा सा कमरे में अपने महक ने लगे हैं,
मानते तो नहीं हे हाथ की...
तुमसे मिलके थोड़ा सा खुश रहने लगे हे,
खिलते नहीं हे हम पुरे फूल की तरह लेकिन,
थोड़ा सा कमरे में अपने महक ने लगे हैं,
मानते तो नहीं हे हाथ की...